अभिनेत्री सामंथा ने अपनी पहली प्रोडक्शन फिल्म ‘सुहम’ के साथ बतौर निर्माता एक नया अध्याय शुरू किया है। इस फिल्म का टीज़र हाल ही में उगादी के पर्व पर रिलीज़ किया गया, जिसने फिल्मी दुनिया में हलचल मचा दी है। सामंथा ने इस मौके को अपने प्रशंसकों के साथ सोशल मीडिया पर साझा करते हुए इसे “बड़े सपनों वाली एक छोटी सी टीम” की उपज बताया।
🎬 ‘सुहम’ का सार और अनोखी थीम
टीज़र एक नवविवाहित जोड़े की शादी की पहली रात से शुरू होता है, जहां दोनों एक-दूसरे की असलियत को जानने की कोशिश कर रहे हैं। शुरुआती दृश्य हल्के-फुल्के हास्य से भरे हैं, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह रिश्तों की जटिलताओं और लैंगिक भूमिकाओं पर सवाल खड़े करती है।
इसकी कहानी पारंपरिक सोच से हटकर है – जहां पति खुद को ‘अल्फा मेल’ के रूप में प्रस्तुत करता है, वहीं पत्नी, जो पहले एक सीधी-सादी महिला लगती है, आधी रात के बाद अपने व्यक्तित्व का एक बिल्कुल नया और दमदार पहलू सामने लाती है।
🧠 क्या है फिल्म की असली ताकत?
‘सुहम’ केवल एक हॉरर-कॉमेडी नहीं है जैसा कि टीज़र पहले दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक सरोकार और आधुनिक रिश्तों पर आधारित एक विचारोत्तेजक फिल्म लगती है। संवादों में गहराई है और विषयवस्तु में सामयिक प्रासंगिकता।
👥 टीम का परिचय: युवा ऊर्जा और रचनात्मकता का मेल
निर्देशक: प्रवीण कंड्रेगुला
लेखक: वासंता मैरीगांती
मुख्य कलाकार:
- हर्षिथ रेड्डी
- श्रिया कोन्थम
- चरण पेरी
- शालिनी कोंडेपुडी
- गेविर्डी श्रीनिवास
- श्रावनी
तकनीकी टीम:
- सिनेमैटोग्राफर: मृदुल सुजित सेन
- प्रोडक्शन डिजाइनर: राम चरण तेज
- एडिटर: धर्मेंद्र काकरला
🏆 ट्रालाला मूविंग पिक्चर्स की नई शुरुआत
यह फिल्म सामंथा की प्रोडक्शन कंपनी ट्रालाला मूविंग पिक्चर्स के बैनर तले बनी है, जिसे कनकवल्ली टॉकीज का सहयोग प्राप्त है। सामंथा का कहना है कि यह फिल्म उनके विज़न “प्रोजेक्ट ट्रालाला” का पहला कदम है – एक ऐसा मंच जो विचारोत्तेजक और दिल को छू जाने वाले सिनेमा को दर्शकों तक पहुँचाने के लिए समर्पित है।
🌟 सामंथा का संदेश
“हमारी फिल्म बड़े सपनों के साथ एक छोटी सी टीम का प्रयास है। हमने इस पर दिल से काम किया है और उम्मीद है कि यह कुछ विशेष की शुरुआत होगी।” – सामंथा रुथ प्रभु
🔮 क्या उम्मीद की जा सकती है?
‘सुहम’ एक सशक्त कहानी और ताजगी भरे दृष्टिकोण के साथ एक प्रयोगात्मक सिनेमा प्रतीत होती है। फिल्म को लेकर दर्शकों में पहले ही उत्सुकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फिल्म किस तरह से नए जमाने की सोच और परंपरागत मान्यताओं के बीच सेतु बनाती है।