हैदराबाद, 6 अप्रैल 2025 – इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के एक रोमांचक मुकाबले में गुजरात टाइटन्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 7 विकेट से हरा दिया। लेकिन मैच के नतीजे से ज़्यादा चर्चा एनिकेट वर्मा के विवादित कैच को लेकर हो रही है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
🧤 कैच या कन्फ्यूज़न? वाशिंगटन सुंदर के आउट पर उठा सवाल
मैच के 14वें ओवर में जब गुजरात टाइटन्स 153 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और स्कोर 106 रन पर था, वाशिंगटन सुंदर शानदार लय में बल्लेबाज़ी कर रहे थे। उन्होंने मोहम्मद शमी की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन एनिकेट वर्मा ने बॉउंड्री पर डाइव लगाकर कैच लपक लिया।
हालांकि, कैच की वैधता पर सवाल उठे क्योंकि यह साफ नहीं था कि गेंद ज़मीन को छूई या नहीं। थर्ड अंपायर रिव्यू के बावजूद, मैदानी अंपायर नितिन मेनन ने इसे आउट करार दिया। इससे सुंदर की हाफ सेंचुरी पूरी नहीं हो सकी – वो 49 रन पर आउट हो गए।
😠 गिल, वॉटसन और हेडन ने जताई नाराज़गी
गुजरात के कप्तान शुभमन गिल ने इस फैसले पर नाराज़गी जताई। वहीं कमेंट्री बॉक्स में मौजूद पूर्व दिग्गज खिलाड़ी शेन वॉटसन और मैथ्यू हेडन ने भी अंपायरिंग के इस फैसले पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि थर्ड अंपायर को कैच की वैधता पर और सख्ती से विचार करना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर भी कैच के वीडियो को लेकर यूज़र्स के बीच बहस छिड़ गई—कुछ इसे क्लीन कैच मान रहे हैं, तो कुछ इसे “ग्राउंडेड” बता रहे हैं।
🏏 मैच की झलकियाँ: गुजरात की दमदार जीत
हालांकि विवाद के बावजूद, गुजरात टाइटन्स ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 17वें ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया। शुभमन गिल ने एक बार फिर अपनी क्लास दिखाई और 43 गेंदों में 61 रन की तेज़तर्रार पारी खेली, जिसमें 9 चौके शामिल थे। वाशिंगटन सुंदर ने भी 29 गेंदों में 49 रन बनाए जिसमें 5 चौके और 2 छक्के शामिल थे।
🔥 सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है #AniketCatchControversy
सोशल मीडिया पर इस विवाद ने जोर पकड़ लिया है। फैंस ने #AniketCatchControversy और #UmpiringDebate जैसे हैशटैग्स को ट्रेंड कराया है। कुछ लोगों ने वीडियो क्लिप्स और स्लो-मोशन फुटेज शेयर करके कैच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
📽️ देखें वीडियो:
https://twitter.com/45kennyat7PM/status/1908929642767012267?ref_src=twsrc%5Etfw
जीत मिली, लेकिन सवाल भी खड़े हुए
गुजरात टाइटन्स ने इस मैच में शानदार जीत हासिल की, लेकिन एनिकेट वर्मा का कैच आने वाले दिनों में IPL अंपायरिंग मानकों और टेक्नोलॉजी की विश्वसनीयता पर नई बहस जरूर खड़ी करेगा। क्या अंपायर को फैसला बदलना चाहिए था? क्या नियमों में सुधार की ज़रूरत है?